मक्का एक ऐसी फसल जिसे लगभग हर देश में उगाया जाता है और फ़ास्ट फ़ूड से लेकर कॉर्न फ्लौर तक ये बहुत इस्तेमाल होता है सामान्यतः मक्का मोटे अनाज की श्रेणी में आता है और इसे किसी भी प्रकार की मिटटी में उगाया जा सकता है मक्का का उपयोग सर्वाधिक रूप से अमेरिकी राज्यों में किया जाता है और इसका उपयोग स्टार्च बनाने में किया जाता है | पुरे विश्व भर में सबसे ज्यादा मक्का भारत में ही उगाया जाता है और सबसे ज्यादा मक्के की किस्मे भारत में ही उपलब्ध है |
आज हम इस आर्टिकल में मक्का की एक ऐसी वैरायटी बताने वाले है जिसका उपयोग कर आप अधिक उपज प्राप्त कर सकते है और यह वैरायटी आपको अपने नज़दीकी क्रषि केंद्र में आसानी से उपलब्ध हो जाएगी | इसके बुआई का समय क्या है, इस वैरायटी को आप किस मीट्टी में लगा सकते ,इसकी बिज बुआई की क्या मात्रा है यह सब आपको बताने वाले है |
मक्के के बिज का चुनाव
किसान भाइयो मक्के की खेती में बहुत चीजे मायने रखती है क्यूंकि मक्के की खेती के लिए सही बिज का चुनाव बहुत जरुरी है क्योंकि अलग अलग प्रकार की ज़मीनों के लिए अलग अलग प्रकार की वैरायटी होती है जो उस ज़मीन में ज्यादा उत्पादन दे सकती है | मक्के की सफल खेती के लिए आप नमी वाली भूमि का चयन जरुर करे | भारत में केरल ,आंध्रप्रदेश ,मध्य प्रदेश और तामिलनाडू में हि सबसे क्ज्यदा मक्के की खेती की जाती है क्यूंकि ये अधिक वर्षा वाले राज्य है |
Pioneer p3401 Corn Variety
PIONEER P3401 यह किस्म मक्के की सबसे उन्नत किस्म है यह भारत में सबसे अधिक उपज देने वाली बरसाती शंकर मक्का की वैरायटी है यह वैरायटी को आप खरीफ और रबी दोनों ही सीजन में लगा सकते है इस वैरायटी के भुट्टे सामान आकार के और इसके दानो का रंग नारंगी होता है और भुट्टे भी ज्यादा वजनदार मिलते है इस किस्म में मक्के का जो घनत्व होता है वो बहुत सघन और गठा हुआ होता है | इस वैरायटी के जड़ भी अधिक मजबूत होते है जिससे यह तेज बारिश में या तूफ़ान में इसका पेड़ गिरता नहीं है जिससे की आपको अधिक उत्पादन देखने को मिलती है |
मक्के का उत्पादन, समय अवधि और बिज की मात्रा
इस वैरायटी का उत्पादन अन्य वैरायटी की तुलना में 10% अधिक होता है इसका प्रति एकड़ औसतन उत्पादन 30 से 35 क्विंटल तक होता है और यह किस्म 110 से लेकर ११५ दिन में पाक कर तैयार हो जाती है इसके बिज दर की बात करे तो प्रति एकड़ 7 से 8 किलो इसके बिज की आवश्यकता पड़ती है | इस वैरायटी कू आप दोनों सीजन में लगा सकते है लेकिन खरीफ में इसे जून जुलाई में लगाना ज्यादा फायदेमंद होता है | इस किस्म को आप सिंचित क्षेत्र या असिंचित क्षेत्र में भी लगा सकते है|
मक्के की खेती के लिए खाद्य उर्वरक
अधिक पैदावार के लिए अधिक पौधों की जरुरत होती है जिसके लिए पोषक तत्वों की मात्रा भी पौधों को पूर्ण रूप से मिलना जरुरी होता है जिसके लिए आप मक्के की खेती में पहली खाद पहली सिंचाई के समय देना है जिसके लिए आपको 50kg यूरिया का प्रयोग करना होगा एक एकड़ के लिए इसके साथ आप 5 किलो जिंक सलफेट लेना है | इन दोनों खादों को मिक्स करने के बाद अपने पौधों पर डाल दे | इसके बाद तीसरी सिंचाई में 70 किलो यूरिया प्रति एकड़ के हिसाब से लेना है और इसके साथ आपको ह्यूमिक एसिड का प्रयोग करना है जिससे आपको फल में तेजी से वृद्धि देखने को मिलेगी |
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