You are currently viewing राइपनिंग चेंबर और सोलर पैनल से आम की गुणवत्ता और शेल्फ लाइफ में सुधार: रत्नागिरी के किसान की सफलता की कहानी
राइपनिंग चेंबर और सोलर पैनल से आम की गुणवत्ता और शेल्फ लाइफ में सुधार

राइपनिंग चेंबर और सोलर पैनल से आम की गुणवत्ता और शेल्फ लाइफ में सुधार: रत्नागिरी के किसान की सफलता की कहानी

राइपनिंग चेंबर एक ऐसी तकनीक है जो आम को पकाने और उसकी शेल्फ लाइफ को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। रत्नागिरी के एक किसान ने इस चेंबर का उपयोग करते हुए आम की गुणवत्ता और शेल्फ लाइफ में सुधार किया है। इस चेंबर में आम को 72 घंटों तक रखा जाता है, और इसमें 30 से 40 पीपीएम का इथेनॉल डोसिंग किया जाता है। साथ ही, तापमान को 27.7 से 29 डिग्री सेल्सियस के बीच नियंत्रित किया जाता है। इस तकनीक से आम की गुणवत्ता बेहतर होती है और पोस्ट हार्वेस्ट लॉसेस कम हो जाते हैं।

आम की शेल्फ लाइफ में वृद्धि

आम का शेल्फ लाइफ आमतौर पर पकने के बाद 3 से 4 दिन तक रहता है। हालांकि, इस राइपनिंग चेंबर की मदद से आम की शेल्फ लाइफ 7 से 8 दिन तक बढ़ सकती है। खासकर अल्फांसो आम के लिए यह तकनीक फायदेमंद साबित होती है, क्योंकि इसका शेल्फ लाइफ ज्यादा से ज्यादा 7-8 दिन होता है। राइपनिंग चेंबर में यह अवधि बढ़कर आर्थिक रूप से लाभकारी साबित होती है, क्योंकि किसान दूर-दूर तक अपने उत्पाद को भेज सकते हैं।

आम की कीमत में वृद्धि

कच्चा आम और पका हुआ आम, दोनों की कीमत में अंतर होता है। अगर किसान कच्चा आम बेचते हैं, तो उसे ₹900 से ₹1000 प्रति डजन के हिसाब से बेचा जाता है। वहीं, पका हुआ आम ₹1200 से ₹1300 प्रति डजन तक बिकता है। इस प्रकार, राइपनिंग चेंबर के माध्यम से आम को पकाने से किसान को प्रति डजन ₹100 से ₹200 का अतिरिक्त लाभ होता है। इस तरह, यह तकनीक न केवल शेल्फ लाइफ बढ़ाती है, बल्कि किसान को अच्छा आर्थिक लाभ भी देती है।

राइपनिंग चेंबर की लागत और ऑपरेटिंग खर्च

फार्म में लगे राइपनिंग चेंबर की कुल लागत लगभग ₹1 लाख है। इस चेंबर की क्षमता 4 टन है, जिसमें एक बार में 4 टन आम पक सकते हैं। यदि किसान बाहर से पका हुआ आम खरीदते हैं, तो उसे ₹100 प्रति बक्से की लागत आती है। लेकिन राइपनिंग चेंबर की स्थापना से किसान को यह लागत कम करने में मदद मिलती है।

इलेक्ट्रिसिटी खर्च इस ऑपरेशन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। आमतौर पर महीने का बिजली बिल ₹50,000 से ₹60,000 तक आता है। यदि सीजन दो महीने चलता है, तो कुल बिजली खर्च ₹1 लाख से ₹1.2 लाख तक हो जाता है। हालांकि, पिछले साल से सोलर पैनल की स्थापना के बाद बिजली खर्च में काफी कमी आई है। अब महीने का बिल ₹1,000 से ₹2,000 के बीच आता है, जिससे बिजली के खर्च में काफी बचत हुई है।

सोलर पैनल का लाभ

किसान ने पिछले साल अपने फार्म पर 6 किलोवाट का सोलर पैनल इंस्टॉल किया है। इससे उन्हें बिजली बिल में बड़ी बचत हो रही है। सोलर पैनल से उत्पन्न अतिरिक्त बिजली को वे नेट मीटरिंग सिस्टम के जरिए बिजली बोर्ड को बेचते हैं, जिससे उन्हें अतिरिक्त आय भी होती है। यह रिन्यूएबल एनर्जी का एक बेहतरीन उदाहरण है, जो न केवल पर्यावरण के लिए फायदेमंद है, बल्कि किसान के लिए भी आर्थिक रूप से लाभकारी है।

राइपनिंग चेंबर और सोलर पैनल से आम की गुणवत्ता और शेल्फ लाइफ में सुधार: रत्नागिरी के किसान की सफलता की कहानी

इथेनॉल और कार्बन डाइऑक्साइड नियंत्रण

आम पकने के दौरान वह नैतिक रूप से इथेनॉल, कार्बन डाइऑक्साइड और पानी की भाप छोड़ते हैं। राइपनिंग चेंबर में इथेनॉल और कार्बन डाइऑक्साइड का स्तर नियंत्रित किया जाता है। इसके लिए एक इथेनॉल जनरेटर और कार्बन डाइऑक्साइड मॉनिटरिंग सिस्टम का उपयोग किया जाता है। यह तकनीक आम के पकने की प्रक्रिया को नियंत्रित करती है और उत्पाद की गुणवत्ता को बनाए रखती है।

सरकार की सहायता और सब्सिडी

भारत सरकार ने किसानों को कोल्ड स्टोरेज और राइपनिंग चेंबर जैसी सुविधाओं के लिए सब्सिडी देने का प्रावधान किया है। इसके अलावा, सोलर पैनल इंस्टॉलेशन के लिए भी सरकार सब्सिडी प्रदान करती है। किसान इन सब्सिडी और ऋण योजनाओं का लाभ उठाकर अपने व्यवसाय को अधिक सस्टेनेबल और लाभकारी बना सकते हैं।

निष्कर्ष

राइपनिंग चेंबर का उपयोग और सोलर पैनल की स्थापना रत्नागिरी के किसान के लिए एक सफल व्यवसाय मॉडल साबित हुआ है। इस प्रक्रिया के माध्यम से न केवल आम की गुणवत्ता और शेल्फ लाइफ में सुधार हुआ है, बल्कि किसान को अतिरिक्त आय और लागत में बचत भी मिली है। यह उदाहरण अन्य किसानों के लिए भी प्रेरणादायक हो सकता है जो अपने व्यवसाय को आधुनिक तकनीकों से बेहतर बनाना चाहते हैं।

Read More:

नींबू के पौधे पर झड़ चुके फूलों को दोबारा लाने और बड़े फल उगाने का अचूक जैविक तरीका

Join whatsapp group Join Now
Join Telegram group Join Now

Chhotan Ray

मेरा नाम छोटन राय है और मै एक ब्लॉगर हु और sacchikheti.com का founder हु और मै इस वेबसाइट ब्लॉग के माध्यम से हम सभी किसान भाइयो को खेती से जुडी अपडेट देते है साथ ही खेती से जुडी योजना एवं कृषि बिजनेस आइडियाज के बारे में भी बताते है,मुझे कंटेंट राइटिंग करते हुए 6 सालो का अनुभव है|

Leave a Reply