किसान भाइयों और बागवानी प्रेमियों के लिए नींबू के पौधे पर फूल आना और फिर उनका गिर जाना एक आम लेकिन चिंताजनक समस्या है। कई बार पौधा फूल तो देता है, लेकिन वे फल में परिवर्तित नहीं हो पाते और गिर जाते हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या इस पौधे पर दोबारा फूल आ सकते हैं और क्या फल भी बन सकते हैं? इसका उत्तर है हां, बिल्कुल इस लेख में हम जानेंगे एक प्रभावशाली और प्राकृतिक तरीका जिससे न केवल फूल दोबारा आएंगे, बल्कि फल भी बनेंगे और उनका आकार पहले से कहीं बड़ा होगा।
सबसे पहले करें पानी बंद
अगर आपका नींबू का पौधा गमले में लगा है तो सबसे पहले एक से दो दिन के लिए पानी देना बंद कर दें। इससे मिट्टी हल्की सूखी हो जाएगी, जो अगले उपचार के लिए जरूरी है। ज़मीन में लगे पौधे के लिए आप सतह की मिट्टी को सूखने दें।
सूखी और बीमार टहनियों की छंटाई करें
नींबू के पौधों पर मकड़ी और डाईबैक जैसी बीमारियों का प्रकोप अक्सर देखने को मिलता है। इसलिए जिन टहनियों पर सूखने के लक्षण दिखें या जो पूरी तरह सूख चुकी हों, उन्हें नीचे से काट दें। साथ ही ग्रोथ कर रही नई शाखाओं को ऊपर से हल्का-सा काटें ताकि पौधे की ऊर्जा फूल और फल उत्पादन पर केंद्रित हो सके। छंटाई के बाद किसी अच्छे फफूंदनाशक (फंगीसाइड) का छिड़काव ज़रूर करें।
मिट्टी की गहरी गुड़ाई और रूट बाल की सफाई
गमले में लगे पौधे के चारों ओर 30 से 40% पुरानी मिट्टी को निकाल दें। साथ ही, जड़ों के चारों ओर बने रूट बॉल को भी सावधानी से तोड़ें ताकि नई जड़ों को पोषण और पानी मिल सके। ज़मीन में लगे पौधों के लिए पौधे से करीब 1 फीट की दूरी पर 1 फीट गहरा गड्ढा खोदें और जड़ों की सतह को साफ करें।
खाद और बायोजाइम
अब इस मिट्टी को दोबारा भरने से पहले उसमें 1 किलो अच्छी तरह से सड़ी हुई वर्मी कंपोस्ट (गोबर खाद) मिलाएं। फिर इसमें 15 से 20 ग्राम बायोजाइम मिलाएं, जो पौधे की जड़ों को पोषक तत्व ग्रहण करने में मदद करता है और नमी बनाए रखता है। गर्मी के मौसम में यह नमी पौधे को बचाने के लिए आवश्यक है।
इसके बाद इस मिश्रण को गमले में भरें और उसमें लगभग 1 लीटर पानी डालें। यह पानी खाद में घुलकर पौधे की जड़ों तक जाएगा और उन्हें शक्ति प्रदान करेगा।
फूल और फल
अब अगला कदम है उस खाद का उपयोग जो फूल और फल आने में सहायता करती है। इसके लिए बायोपोटाश का उपयोग करें, जो फल के आकार को बढ़ाता है और फूल झड़ने की समस्या को रोकता है। लगभग 10 ग्राम (1.5 चम्मच) बायोपोटाश को मिट्टी में मिलाएं।
इसके बाद ऊपर एक लेयर नई मिट्टी की डालें ताकि खाद धूप से गर्म होकर खराब न हो जाए। फिर दोबारा गमले में पानी भर दें।
यह प्रक्रिया कितनी बार और कब करें?
यह प्रक्रिया गर्मियों में एक बार अवश्य करें और हर 6 महीने में दोहराएं। इससे आपका नींबू का पौधा न केवल स्वस्थ रहेगा, बल्कि उस पर भरपूर फूल और बड़े आकार के फल आएंगे। लगभग 10 से 15 दिनों में आपको इस प्रक्रिया का असर दिखाई देने लगेगा पत्ते हरे और चमकदार होंगे, नई कलियां निकलेंगी और फूल आने लगेंगे।
अगर आपके नींबू के पौधे पर फूल गिर चुके हैं या फल नहीं बन रहे हैं, तो यह पूरी प्रक्रिया आपके लिए रामबाण की तरह काम करेगी। इस जैविक और प्राकृतिक विधि से आप अपने पौधे को दोबारा से सक्रिय कर सकते हैं और भरपूर उत्पादन पा सकते हैं। जरूरी है सिर्फ थोड़ा ध्यान, सही खाद और सही समय पर की गई देखभाल।

मेरा नाम छोटन राय है और मै एक ब्लॉगर हु और sacchikheti.com का founder हु और मै इस वेबसाइट ब्लॉग के माध्यम से हम सभी किसान भाइयो को खेती से जुडी अपडेट देते है साथ ही खेती से जुडी योजना एवं कृषि बिजनेस आइडियाज के बारे में भी बताते है,मुझे कंटेंट राइटिंग करते हुए 6 सालो का अनुभव है|