धान की तीन बेहतरीन रिसर्च वैरायटी जो देगी शानदार उत्पादन के साथ रोग प्रतिरोधक क्षमता भी जबरदस्त

By Purushottam Bisen

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धान

किसान भाइयों, आपने अक्सर पूछा है कि ऐसी धान की रिसर्च वैरायटी बताएं, जो अच्छा उत्पादन दे, खाने में स्वादिष्ट हो, और जिसकी रोग प्रतिरोधक क्षमता भी मजबूत हो। इसके साथ ही, वैरायटी अलग-अलग राज्यों में उगाई जा सके। आपकी इसी जरूरत को ध्यान में रखते हुए आज हम आपको तीन बेहतरीन रिसर्च धान की किस्मों की जानकारी देने जा रहे हैं, जो कई वर्षों से किसानों के बीच प्रसिद्ध हैं और शानदार उत्पादन दे रही हैं।

1. पान 805: 

पान कंपनी की पान 805 एक रिसर्च वैरायटी है, जिसकी फसल अवधि लगभग 120 से 125 दिन की होती है। यह मिड-अर्ली ड्यूरेशन वैरायटी है, जिसका पौधा लगभग 105 से 115 सेंटीमीटर ऊंचा होता है। इसकी बालियां लंबी और घनी होती हैं, जिनमें दानों की संख्या अधिक रहती है। इसके दाने लंबे और पतले होते हैं, जो खाने में काफी स्वादिष्ट लगते हैं।

बालियों की लंबाई करीब 25 से 28 सेंटीमीटर तक होती है। यह वैरायटी बैक्टीरियल लीफ ब्लास्ट और शीथ ब्लाइट जैसी बीमारियों के प्रति अच्छी सहनशीलता और प्रतिरोध क्षमता दिखाती है। उत्पादन की बात करें तो पान 805 एक एकड़ में लगभग 18 से 22 क्विंटल तक पैदावार दे सकती है। इस वैरायटी में लगभग दो सिंचाई की जरूरत पड़ती है, लेकिन अगर बारिश समय पर न हो, तो तीन सिंचाई करनी पड़ सकती है।

पान 805 को पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और गुजरात जैसे राज्यों में सफलतापूर्वक लगाया जा सकता है। इसके दाने देखने में आकर्षक और खाने में स्वादिष्ट होते हैं, और पौधे की लंबाई भी नियंत्रित रहती है, जिससे यह किसानों के बीच लोकप्रिय है।

2. PR 126: 

PR 126 एक शॉर्ट ड्यूरेशन वैरायटी है, जिसकी फसल अवधि नर्सरी सहित लगभग 120 से 125 दिन की होती है। पंजाब एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी द्वारा 2016 में विकसित की गई इस वैरायटी को पिछले कई वर्षों से किसान बड़े पैमाने पर लगा रहे हैं।

इसकी नर्सरी 20 से 25 दिनों में तैयार हो जाती है और रोपाई के बाद फसल लगभग 90 से 95 दिनों में पककर तैयार हो जाती है। PR 126 की उत्पादन क्षमता बेहद अच्छी है और यह एक एकड़ में औसतन 30 क्विंटल तक उत्पादन दे सकती है। इसके अलावा, यह वैरायटी रोगों के प्रति अत्यधिक सहनशीलता और प्रतिरोध क्षमता रखती है, जिससे किसानों को फसल बचाने में कम परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

PR 126 की सबसे बड़ी खूबी यह है कि इसे कम सिंचाई की जरूरत होती है, जिससे पानी की बचत होती है। इसकी हाई यील्ड पोटेंशियल इसे अन्य किस्मों की तुलना में सबसे बेहतरीन बनाता है, और किसानों का इस पर भरोसा भी साल दर साल बढ़ा है।

धान की तीन बेहतरीन रिसर्च वैरायटी जो देगी शानदार उत्पादन के साथ रोग प्रतिरोधक क्षमता भी जबरदस्त

3. वसुंधरा दामिनी: 

वसुंधरा दामिनी भी एक अर्ली ड्यूरेशन वैरायटी है, जिसकी फसल अवधि लगभग 120 से 125 दिन की होती है। यह वैरायटी कई राज्यों में उगाई जा सकती है और अच्छी पैदावार देती है। इसकी उत्पादन क्षमता लगभग 25 से 28 क्विंटल प्रति एकड़ तक होती है, लेकिन इसके लिए खेत की देखभाल और प्रबंधन बहुत जरूरी है।

यदि किसान भाई खेत की उचित तैयारी, खाद, सिंचाई, खरपतवार नियंत्रण और रोग प्रबंधन का ध्यान रखते हैं, तो इस वैरायटी से शानदार उत्पादन मिल सकता है। ध्यान रखें कि यदि देखभाल में लापरवाही बरती जाए, तो उत्पादन 15 से 18 क्विंटल तक सिमट सकता है। इसलिए, अच्छी पैदावार के लिए समय पर निराई-गुड़ाई, उर्वरक प्रबंधन और रोग नियंत्रण करना जरूरी है।

अच्छी पैदावार के लिए क्या ध्यान रखें?

किसान भाइयों, यह समझना जरूरी है कि केवल वैरायटी बदलने से उत्पादन नहीं बढ़ता, बल्कि खेती के पूरे तरीके में सुधार की जरूरत होती है। समय पर नर्सरी तैयार करना, रोपाई, सिंचाई, खाद डालना, और खरपतवार नियंत्रण — ये सभी कदम उत्पादन बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

कई बार किसान बीज, कंपनी या जानकारी देने वाले पर दोष डालते हैं, जबकि समस्या खेत की देखभाल में होती है। इसलिए, अगर आप चाहते हैं कि आपकी मेहनत का पूरा फल मिले, तो हर कदम पर ध्यान दें। सही विधि से खेती करने पर ही आप इन रिसर्च वैरायटियों की पूरी क्षमता का लाभ उठा सकते हैं।

निष्कर्ष

पान 805, PR 126 और वसुंधरा दामिनी जैसी रिसर्च वैरायटियां कम समय में बेहतरीन उत्पादन और स्वाद देती हैं, और इनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता भी शानदार है। अगर आप अपनी खेती में सुधार लाना चाहते हैं और शानदार उत्पादन पाना चाहते हैं, तो इन वैरायटियों के साथ-साथ खेती के हर पहलू का ध्यान रखें।

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