आज हम बात करने वाले है गेंहू में लगने वाली खरपतवार नाशक के बारे में जोकि बहुत ही खास और बहुत ही कॉमन भी है लेकिन उससे पहले जानते है की प्रीइमर्जंट होता क्या है ये 0 से 72 गनते के अन्दर में होता है लेकिन कोशिस ये करे की इसका स्प्रे 42 घंटे के अन्दर इसका स्प्रे करे इसके बाद हम ये भी जानते है की इसका स्प्रे करने के बाद हमे किस किस तरह की सावधानिया बरतनी चाहिए जिससे हमारी फसल में अच्छा प्रभाव भी पड़े और उत्पादन भी अच्छा देखने को मिले
सावधानिया
गेंहू की फसल में गुली डंडा और मंदुक्नी का भी प्रभाव ज्यादा देखने को मिलता है इसको लेकर ही इसके बचाव के लिए पाईरोकसा स्लफोन और पेंडमेथलिन का हमे उपयोग करना होता है यह टेक्नीकल आपको अलग अलग कम्पनियों पर देखने को मिलता है जेदवा ,ओमजी और ओकेरा इसका इस्तेमाल हमे 0 से तीन दिन पर करना होता है
खेत में नमी होना तो अनिवार्य ही है और जब आप पहली सिंचाई करते है तो वो हमे 20 से 21 वे दिन के बाद करनी होती है या तो दवाई डालने के बाद करे क्योकि पाईरोकसान सल्फरन जड़ो के माध्यम से होता है एक बात का और याद रखे की गेंहू उगने के बाद में इसका स्प्रे ना करे
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इसके साथ ही साथ आपको कुछ बातो का ध्यान ये भी रखे की खेतो में बड़े पत्थर ना हो ऊँचा नींचा खेत भी नही होना चाहिए साथ ही साथ अप इस बात का भी ध्यान रखे की हवा भी नही चलना चाहिए जिसके बाद आपको एक बढ़िया रिजल्ट भी देखने को मिलता है और इस बात का भी ध्यान रखे की बारिश भी नही होनी चाहिए
डोज की मात्र :
डोज की बात करे तो यह पर आप बंकर को खरीदते है तो इसके साथ ही 60 ml का स्ल्फ़ोर भी मिलता है जिसको 200 लिटर पानी में हमे घोलना होता है ये आपके एक एकड़ का डोज हो जाता है |
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