नमस्कार किसान भाइयो; आज एक येसी औषधि की खेती के बारे में आपको बताएँगे जिसकी मार्केट डिमांड भी बहुत ज्यादा है और जो बहुत ही महंगी है किसान इसकी खेती भारत के अलग अलग राज्यों में कर रहे है और हर 4 महीने में लाखो रूपए कमा रहे है
मेडिसनल प्लांट की खेती को आज हम बहुत ज्यादा तवज्जो दे रहे है क्योकि कोरोना वायरस की वजह से मेडिसिन औषधि की डिमांड बहुत ज्यादा बड चुकी है और आने वाले समय में इस औषधि की बहुत ज्यादा डिमांड देखने को मिलेगी
इसका पौधा बहुत ही तेज़ी से बढता है इस पौधे को तैयार होने में 3 महीने लगते है और ये पौधा चारो तरफ फैलता है ये एक बढ़िया औषधि भी है और एक पुराणी जड़ी बूटी भी है
Lepidium Sativum Farming: इस औषधि की खेती कर कमाए 3 महीने में लाखो रूपए, जानिए कैसे
1500 साल पुरानी यह औषधि है इसके बीजो से विशेष प्रकार का तेल निकलता है जिसकी किम्मत हमारे भारत में 9000 से 14000 रूपए लीटर बिकता है दवा जोड़ो में दर्द , कमर दर्द ,लकवा आदि में इसके तेल का उपयोग किया जाता है
कई सारी यूनानी हर्बल आयुर्वेदिक और अंग्रेजी दवाईयों के बनाने में भी इसका इस्तेमाल किया जाया है जिस औषधि के बारे में हम बात कर रहे है उसका नाम है चन्द्रशूर औषधि जिसे अंग्रेजी में Lepidium Sativum कहते है
चन्द्रशूर औषधि की खेती कैसे कर सकते है
सबसे पहले इसके बीजो को अंकुरित करें फिर इसकी बुवाई करें 4 किलो बीज की जरुरत पड़ेगी आपको 1 एकड़ में इसकी खेती करने के लिए इसके बीज ऑनलाइन आर्डर कर सकते है
भारत में इसकी खेती उत्तर प्रदेश , मध्य प्रदेश , गुजरात , महारास्ट्र , हिमाचल प्रदेश और पंजाब के कई अलग अलग इलाको में की जाती है
इसकी बुवाई 1 अक्टूबर से लेकर 30 नवम्बर तक की जाती है और हर महीने में इसकी फसल से आमदनी कर सकते है
इसकी पैदावार 350 से 400 क्विंटल तक होती है और इसकी खेती में 10,000 rs से लेकर 15,000 rs तक का खर्चा आता है और इससे डबल आप मुनाफा कमा सकते है
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