नमस्कार किसान साथियों अगर आप आलू की खेती करते है और आप सही वैरायटी का चुनाव नहीं कर पाते है की कौनसी वैरायटी लगाये जो ज्यादा उत्पादन देगी और जिसका स्वाद भी अच्छा हो और मंडी भाव भी अच्छा देखने को मिले तो क्यों ना येसी वैरायटी का चुनाव किया जाये जिसका उत्पादन के साथ साथ डिमांड और हमें अच्छा मंडी भाव भी मिले तो आईये जानते है
आलू की टॉप 10 जबरदस्त वैरायटी
किसान भाई यह वैरायटी पैदावार के मामले में खास वैरायटी है और खासकर आप मैदानी और पहाड़ी छेत्र में इसकी फसल लगाते है तो आपको और भी बढ़िया उत्पादन देखने मिलता है यह सभी वैरायटी कुफरी कंपनी की वैरायटी है
1. कुफरी अलंकर
यह एक उन्नत वैरायटी है जिसका उत्पादन 200 से 250 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक उत्पादन देती है इसकी फसल अवधि लगभग 70 दिन में तैयार हो जाती है यह वैरायटी उत्तर भारत के मैदानी छेत्र में सबसे ज्यादा पैदावार देती है
2. कुफरी चंद्रमुखी
इस वैरायटी का तना लाल भूरे रंग के धब्बे के साथ होता है यह 80 से 90 दिन में तैयार हो जाती है इसका उत्पादन प्रति हेक्टेयर 200 से 250 क्विंटल की उत्पादन देती है यह वैरायटी उत्तर भारत में मैदानी और पठार इलाको में इसकी खेती अच्छे से की जाती है
3. कुफरी गंगा
आलू की यह किस्म कम समय में पककर तैयार हो जाती है इसकी पैदावार 250 से 300 क्विंटल प्रति हेक्टेयर के हिसाब उत्पादन देती है यह 75 से 80 दिनों में तैयार हो जाती है
4. कुफरी नीलकंठ
यह वैरायटी एंटी एक्सीडेंट से भरपूर होती है जो ज्यादा ठण्ड को बरदास कर सकता है इसकी उत्पादन छमता अन्य वैरायटी से अधिक है और यह समय भी थोडा ज्यादा लेती है यह फसल 90 से 100 दिन में तैयार हो जाती है यह आलू स्वाद में बहुत ही अच्छा होता है जिसके कारण इसकी डिमांड मंडी में अच्छी देखने को मिलती है इसका उत्पादन 350 से 400 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक देखने को मिलता है
5. कुफरी ज्योति
यह किस्म पहाड़ी, मैदानी और पठारी इलाको में लगाया जाता है यह किस्म 80 से 150 दिनों में तैयार हो जाती है मैदानी छेत्र में इसकी फसल जल्दी तैयार होती है इसका उत्पादन प्रति हेक्टेयर 150 से 250 क्विंटल तक देखने को मिलता है
6. कुफरी सिंदूरी
यह भी एक उन्नत किस्म है जो पाले को भी सहन कर सकती है मैदानी और पहाड़ी इलाको में इसकी खेती की जा सकती है मैदानी छेत्र में इसकी फसल जल्दी तैयार हो जाती है यह किस्म 120 से 125 दिन में तैयार हो जाती है इसका उत्पादन 300 से 400 प्रति हेक्टेयर के हिसाब से होता है
7. कुफरी देवा
यह किस्म भी मैदानी और पहाड़ी दोनों इलाको में होती है यह 120 से 125 दिन में पककर तैयार हो जाती है यह 300 से 400 क्विंटल प्रति हेक्टेयर की उपज देती है
8. कुफरी लालिमा
यह किस्म भी कम समय में अधिक पैदावार देती है यह किस्म 90 से 100 दिन का समय लेती है इसका उत्पादन 200 से 250 क्विंटल प्रति हेक्टेयर देखने को मिलता है यह वैरायटी उत्तर भारत के मैदानी इलाको के लिए बेस्ट वैरायटी है
9. कुफरी स्वर्ण
यह दक्षिण भारत के पहाड़ी इलाको में ज्यादा उत्पादन देती है इस फसल को तैयार होने में करीबन 110 दिनों का समय लग जाता है इस किस्म का उत्पादन 300 क्विंटल प्रति हेक्टेयर के हिसाब से देती है आलू की यह किस्म अन्य किस्म की अपेक्षा जल्दी खराब हो जाती है
10. कुफरी बहार
उत्तर भारत के मैदानी इलाको के लिए यह अच्छी है यह 90 से 110 दिन में तैयार होती है इसकी पैदावार 200 से 250 क्विंटल प्रति हेक्टेयर के हिसाब से देती है जो की बढ़िया है
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