Bhindi ki Ageti Kheti Kab or Kaise Kare: लाखों का लाभ, भिंडी की अगेती खेती कब और कैसे करें पूरी गाइड यहां

भिंडी की अगेती फसल से 40 दिन में लाखों का मुनाफा इस नई तकनीक के साथ

Bhindi ki Ageti Kheti Kab or Kaise Kare: अगर आप सोच रहे हैं कि भिंडी की अगेती खेती कब और कैसे करें और इससे लाखों की कमाई कैसे संभव है, तो यह लेख आपके लिए है। इस अपडेटेड जानकारी में आपको सही बुवाई समय, मिट्टी, उन्नत किस्में, खाद प्रबंधन, सिंचाई, तुड़ाई समय और पूरी तकनीक विस्तार से बताई गई है ताकि किसान साथी समय से फसल तैयार कर मार्केट में बढ़िया दाम प्राप्त कर सकें।

भिंडी की अगेती खेती क्यों लाभदायक है

किसान साथियों, भिंडी की अगेती फसल हमेशा अधिक मुनाफा देती है क्योंकि जब सब्जी समय से पहले मंडी में पहुँच जाती है, तब कीमतें अधिक मिलती हैं। कई किसान फसल देर से लगाते हैं और उसी कारण उन्हें कम भाव मिलता है। इसलिए सफलता के लिए समय पर और योजनाबद्ध तरीके से भिंडी की अगेती खेती करनी बेहद जरूरी है।

भिंडी की अगेती खेती कब करें

भिंडी की अगेती खेती कब और कैसे करें यह समझना बहुत आवश्यक है। दिसंबर और जनवरी इसकी बुवाई का सबसे बेहतर समय माना जाता है। अगर दिसंबर में फसल बो दी जाए तो परिणाम और भी बेहतर मिलते हैं। फसल के लिए 25 से 30 डिग्री तापमान आदर्श रहता है, जिससे अंकुरण और विकास तेजी से होता है।

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मिट्टी और खेत की तैयारी

भिंडी के लिए दोमट और बलुई मिट्टी सबसे उत्तम मानी जाती है, लेकिन इसे किसी भी प्रकार की मिट्टी में लगाया जा सकता है। मिट्टी का pH स्तर 6 से 8 के बीच होना चाहिए। खेत को अच्छी तरह भुरभुरा बनाकर 50 सेंटीमीटर लाइन दूरी और 20 सेंटीमीटर पौधे की दूरी रखते हुए 1.5 से 2 सेंटीमीटर की गहराई तक बीज बोना चाहिए।

भिंडी की उन्नत किस्में

अगेती खेती के लिए सही बीज चयन ही सफलता की कुंजी है। किसान भाई निम्न किस्मों पर भरोसा कर सकते हैं।

ADU-216 किस्म 40 से 45 दिन में तैयार होती है और लेट बोवाई में भी अच्छा परिणाम देती है।
सम्राट किस्म पूरे साल लगाई जा सकती है और 45 से 50 दिन में तैयार होती है।
UPL राधिका सबसे पसंदीदा किस्म है और 40 से 45 दिन में फल देने लगती है।

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बीज दर और उपचार

एक एकड़ में 5 से 6 किलोग्राम बीज पर्याप्त होता है। बीज बोने से 24 घंटे पहले पानी में भिगोना और कार्बेन्डाजिम से उपचार करना बहुत जरूरी है, जिससे रोग और कीट प्रभावित न करें।

खाद और पोषण प्रबंधन

बुवाई के समय खेत में यूरिया, डीएपी और पोटाश मिलाना जरूरी है। फसल के 15 दिन बाद 19:19:19 का घोल स्प्रे करना चाहिए ताकि पौधों को शुरुआती अवस्था में बेहतर पोषण मिले। फूल आने पर 05:23:34 का उपयोग बहुत अच्छे परिणाम देता है। फलों की वृद्धि के समय यूरिया स्प्रे लाभकारी रहता है।

सिंचाई और खरपतवार प्रबंधन

सिंचाई 10 से 15 दिन के अंतराल पर करनी चाहिए। खेत में पानी न खड़ा हो और बिल्कुल सूखा भी न रहे, यह ध्यान रखना जरूरी है। अधिक खरपतवार होने पर पेंडिमेथालिन का उपयोग किया जा सकता है।

भिंडी की तुड़ाई कब करें

जब भिंडी मुलायम अवस्था में हो तब उसकी तुड़ाई करनी चाहिए। यदि भिंडी ज्यादा बड़ी और सख्त हो जाए तो बाज़ार भाव कम मिलता है। समय पर तोड़ने से पैदावार और आमदनी दोनों बढ़ती हैं।

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निष्कर्ष

किसान भाइयों, कोई भी फसल तभी सफल होती है जब उसकी नियमित निगरानी और देखभाल की जाए। कीट, रोग और मौसम की परिस्थितियों पर ध्यान रखें और समय पर कार्रवाई करें। भिंडी की अगेती खेती कब और कैसे करें यह जानकर आप कम लागत में अधिक मुनाफा कमा सकते हैं।

FAQs : Bhindi ki Ageti Kheti Kab or Kaise Kare

Q: भिंडी की अगेती खेती का सही समय क्या है?

दिसंबर और जनवरी इसके लिए सबसे उपयुक्त समय है।

Q: भिंडी की फसल कितने दिन में तैयार होती है?

उन्नत किस्में 40 से 50 दिन में तैयार हो जाती हैं।

Q: क्या बीज उपचार जरूरी है?

हाँ, रोग और कीट नियंत्रण के लिए यह आवश्यक है।

Q: अगेती फसल में मुनाफा क्यों अधिक मिलता है?

क्योंकि शुरुआती बाजार में भाव अधिक मिलते हैं।

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