नमस्कार हमारे किसान भाइयो आज हम आपको बताने वाले है चुकंदर की खेती के बारे में आप भी चुकंदर की खेती करना चाहते है तो फिर ये जानकारी आप सभी के लिए बहुत खास होने वही है इसमें आपको बताने वाले है की आप बिलकुल नई तरीके से चुकंदर की खेती इस तरह करे |
चुकंदर की खेती कैसे करे
चुकंदर की खेती का समय अक्टूबर-नवंबर का महिना होता है चुकंदर की मार्केट में बहुत मांग बनी रहती है चुकंदर खाने के बहुत सारे फायदे होते है और बहुत सारी कमियों को दूर करता है जैसे खून की कमी, एनीमिया, कैंसर, हृदय रोग, पित्ताशय विकारों, बवासीर, गुर्दे के विकारों जैसी समस्या को दूर करने में मदत करता है चुकंदर की खेती भारत के अनेको राज्यों में की जाती है तो आईये जानते है चुकंदर की खेती कैसे करे इन 8 पॉइंट के आधार पर स्टेप by स्टेप बताते है
1 . उपयुक्त मिट्टी
चुकंदर की खेती करने के लिए आप किसी भी मिट्टी पर इसकी खेती कर सकते है लेकिन अच्छा उत्पादन के लिए भारी तोमड मिट्टी में इसकी खेती करेगे तो अच्छा होंगा |
2. जलवायु
चुकंदर की खेती में जलवायु की बात करे तो ठंडे प्रदेश में चुकंदर की खेती उपयुक्त मानी जाती है सर्दियों का मौसम में इसके पौधे के विकास के लिए काफी अच्छा माना जाता है |
3. तापमान
चुकंदर के पौधे को समान्य तापमान की ज़रूरत होती है 20 से 25 डिग्री तापमान तक ये माना जाता है |
4. उन्नत किस्में
चुकंदर की उन्नत किस्मे HH 102 की बात करे तो प्रति हैक्टेयर 200 से 250 क्विंटल तक उत्पादन देती है इसके पौधे को तैयार होने में लगभग 3 महीने का समय लगता है यह अधिक पैदावार भी देती है इसे कई किसान भाई लगाते है |
क्रिस्मन ये चुकंदर कि वो किस्म है जो सबसे ज्यादा उत्पादन देती है इसके फलो को तैयार होने में 70 से 75 दिन का समय लगता है |
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5. खेती की तैयारी
चुकंदर की खेती करने के लिए आपको सबसे पहले इसके खेत को अच्छे से तैयार करना चाहिये 2 से 3 कल्टीवेटर से जुताई करे जुताई के बाद खेत में गोंबर की खाद अच्छे से डाले फिर अच्छे से सिंचाई करे जिससे मिट्टी अच्छे से मिल जाएगी फिर समतल करना है |
6. खाद एव उर्वरक
चुकंदर की खेती में खाद की बात कि जाये तो नाइट्रोजन 40 kg ,फास्फोरस 60 kg और पोटास 80 kg आखरी जुताई के बाद इसका छिडकाव करे
7. खरपतवार नियंत्रण
चुकंदर खरपतवार नियंत्रण को रोकना है तो प्रक्रतिक विधि अपनानी है |
8. सिंचाई
चुकंदर के पौधे को नमी की ज़रूरत होती है इस लिए इसकी बुवाई के तुरंत बाद ही सिंचाई की जरुरत होती है पहली सिंचाई करे इसके पौधे को जल भराव से बचा के रखना है |
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