राम-राम किसान भाइयों! आज हम आपके लिए हरियाणा राज्य के भिवानी जिले के गांव पाथवान के प्रगतिशील किसान कुलदीप भाई का अनुभव लेकर आए हैं। कुलदीप भाई ने इस साल 40 एकड़ में खेती की है, जिसमें से 35 एकड़ में सरसों और 5 एकड़ में गेहूं की फसल लगाई है। हम उनके खेत में खड़े हैं और सरसों की कटाई का नजारा देख रहे हैं।
सरसों की कटाई की शुरुआत और खेत का विवरण
कुलदीप भाई के खेत में आज से सरसों की कटाई शुरू हुई है। जिस खेत में हम खड़े हैं, वह दो एकड़ का है और इसमें सरसों की फसल बहुत शानदार नजर आ रही है। कटाई के पहले ही चक्कर में टंकी आधी से ज्यादा भर चुकी थी, जिससे साफ पता चलता है कि इस बार पैदावार बहुत अच्छी रहने वाली है।
सरसों की वैरायटी और बिजाई का समय
कुलदीप भाई ने अपने खेत में स्टार एग्रीसीड कंपनी की स्टार 10-15 वैरायटी की सरसों लगाई है। इस वैरायटी की बिजाई उन्होंने 20 अक्टूबर को की थी, जो कि सरसों बिजाई का आदर्श समय माना जाता है। समय पर बिजाई करने से फसल की वृद्धि और पैदावार पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा है।
सिंचाई व्यवस्था और पानी की गुणवत्ता
फसल की सिंचाई फव्वारे से की जाती है। क्षेत्र का पानी थोड़ा खारा है, फिर भी सरसों की फसल ने बेहतरीन प्रदर्शन किया है। कुलदीप भाई ने बताया कि फसल में कुल तीन बार सिंचाई की गई, इसके अलावा एक बार बारिश भी हो गई थी, जिससे कुल चार बार पानी मिला।

फसल में रोग और कीट प्रबंधन
इस बार सरसों की फसल में तना गलन (Stem Rot) का प्रभाव बहुत ही कम देखने को मिला। खासकर स्टार 10-15 वैरायटी में रोग का प्रभाव लगभग नाममात्र ही था। कुलदीप भाई ने किसी प्रकार का फंगीसाइड स्प्रे नहीं किया था, फिर भी फसल स्वस्थ रही। मरगोजी बीमारी का भी प्रभाव खेत में ना के बराबर रहा, जो कि खारे पानी के खेतों में अपेक्षाकृत कम होता है।
खेत की मिट्टी और भौगोलिक स्थिति
कुलदीप भाई का गांव पाथवान राजस्थान बॉर्डर से सटा हुआ है। यहां की मिट्टी हल्की और बावर रेतीली है। खेत में ट्यूबवेल से पानी दिया जाता है, जो थोड़ा खारा है। इस तरह की मिट्टी और पानी में सरसों और गेहूं की फसलें बहुत अच्छी होती हैं, जबकि कपास जैसी फसलें अपेक्षाकृत कम उपज देती हैं।
फली और दानों की गुणवत्ता
स्टार 10-15 वैरायटी की फलियों में औसतन 18 से 21 दाने पाए गए। खेत में फली तोड़कर गिनती की गई, जिसमें 18 दाने मिले। दानों का रंग गहरा काला है और आकार भी मोटा है, जो बाजार में अच्छी कीमत दिलाने में मदद करेगा। कुलदीप भाई ने बताया कि इस वैरायटी से निकाला गया तेल भी बहुत स्वादिष्ट और उच्च गुणवत्ता का होता है।
पैदावार का परिणाम
दो एकड़ खेत में सरसों की पूरी कटाई के बाद कुल लगभग 22 क्विंटल उपज प्राप्त हुई, यानी एक एकड़ से 11 क्विंटल की औसत उपज मिली। हल्की मिट्टी और खारे पानी के बावजूद इतनी बढ़िया उपज मिलना किसानों के लिए एक प्रेरणा है। ट्रॉली में भरी सरसों की गुणवत्ता भी देखने लायक थी – दाने एक समान, भारी और चमकदार थे।
किसान भाइयों के लिए प्रेरणा
कुलदीप भाई ने अपने अनुभव को साझा करते हुए बताया कि सही समय पर बिजाई, उचित सिंचाई व्यवस्था, क्षेत्रीय परिस्थितियों के अनुसार फसल का चयन और रोग-कीट प्रबंधन में जागरूकता रखने से सरसों की शानदार पैदावार संभव है। उनका यह अनुभव हर किसान भाई के लिए एक प्रेरणास्रोत है।
अगर आप भी सरसों की खेती से अधिक उत्पादन लेना चाहते हैं, तो कुलदीप भाई के अनुभव से सीख लेकर अपनी तकनीक में सुधार कर सकते हैं। खेती में समय पर निर्णय लेना और फसल की देखभाल करना सफलता की कुंजी है।

किसान भाई इस ब्लॉग के माध्यम से हम सभी किसान भाइयो को खेती से जुडी अपडेट देते है साथ ही खेती से जुडी योजना एवं कृषि बिजनेस आइडियाज के बारे में भी बताते है