भारत के कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान इन दिनों एक बेहद अहम दौरे पर ब्राज़ील पहुंचे हैं। वजह है 15वीं BRICS कृषि मंत्रियों की बैठक, जो आज यानी 17 अप्रैल को ब्राज़ीलिया में आयोजित हो रही है। यह बैठक भारत के लिए सिर्फ एक सम्मेलन नहीं, बल्कि कृषि के क्षेत्र में तकनीकी सहयोग, व्यापार और नवाचार की नई संभावनाओं का दरवाजा खोल रही है।
ब्राज़ील की तकनीक देखकर शिवराज सिंह चौहान हुए प्रभावित
बैठक से पहले, हमारे कृषि मंत्री ने साओ पाउलो में ब्राज़ील के कृषि क्षेत्र से जुड़े 27 प्रमुख व्यापारियों और विशेषज्ञों से मुलाकात की। इस बातचीत में उन्होंने कृषि व्यापार को बढ़ावा देने, आधुनिक उत्पादन तकनीकों के आदान-प्रदान, फूड प्रोसेसिंग में नवाचार, बायोफ्यूल उत्पादन और सप्लाई चेन के एकीकरण जैसे मुद्दों पर खुलकर चर्चा की।
भाइयो, खास बात ये रही कि मंत्री जी ने ब्राज़ील में कपास और सोयाबीन की कटाई में उपयोग हो रही उन्नत मशीनों की तारीफ करते हुए भारत-ब्राज़ील के बीच इस क्षेत्र में सहयोग की आशा जताई। उन्होंने कहा कि हम भारत में भी ऐसी तकनीक का उपयोग करके कृषि उत्पादन को नई ऊंचाइयों पर ले जा सकते हैं।
भारतीय कृषि को मिलेगा अंतरराष्ट्रीय अनुभव
शिवराज सिंह चौहान ने ब्राज़ील के कृषि समुदाय को भारत आने का निमंत्रण भी दिया। उन्होंने कहा कि इससे दोनों देशों के अनुभव साझा करने का अवसर मिलेगा और तकनीकी साझेदारी और मजबूत होगी। दोस्तो, सोचिए अगर हम ब्राज़ील जैसी उन्नत कृषि तकनीक को अपने देश में ला पाएं, तो हमारी खेती कितनी आधुनिक और लाभकारी हो सकती है।
भाइयो, भारत-ब्राज़ील व्यापार का भविष्य है सुनहरा
ब्राज़ील की चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष ने भी माना कि भारत और ब्राज़ील के बीच कृषि व्यापार वर्तमान में 2-3 बिलियन डॉलर है, लेकिन इसमें 15-20 बिलियन डॉलर तक बढ़ने की जबरदस्त संभावनाएं हैं। ब्राज़ील से भारत को मुख्य रूप से खाद, सोयाबीन, खाद्यान्न, चीनी, मांस और सब्ज़ियां निर्यात की जाती हैं।
500 अरब डॉलर का निर्यात करने वाला बना ब्राज़ील
ब्राज़ील के पूर्व कृषि मंत्री ने जानकारी दी कि लगभग 50 साल पहले ब्राज़ील अपनी कुल खाद्य आवश्यकता का 30 प्रतिशत आयात करता था। लेकिन आज वह 500 अरब डॉलर के कृषि उत्पादों का निर्यात करता है। दोस्तो, ये सब एक दूरदर्शी नीति, तकनीकी विकास और सतत नवाचार का ही परिणाम है।
मंत्री जी ने देखे टमाटर और मक्का के खेत
शिवराज सिंह चौहान ने ब्राज़ील में टमाटर और मक्का के खेतों का भी दौरा किया और वहां की तकनीक से खुद को समृद्ध बताया। उन्होंने सोशल मीडिया पर वीडियो शेयर करते हुए कहा, “ब्राज़ील में मेरा यह दौरा कई नए अनुभव और तकनीकों से मुझे समृद्ध कर रहा है। मैं यहां की कृषि को नजदीक से देख रहा हूं और बहुत कुछ नया सीख रहा हूं।”
भाइयो, उन्होंने यह भी कहा कि भारत में कैसे इन तकनीकों का उपयोग कर कृषि उत्पादन बढ़ाया जा सकता है, इस दिशा में काम किया जाएगा।
निष्कर्ष:
तो दोस्तो, ये दौरा सिर्फ एक मीटिंग नहीं बल्कि एक सुनहरा अवसर है। जहां हम दूसरे देश की श्रेष्ठ तकनीकों से सीख सकते हैं और अपने देश की कृषि को नए युग में ले जा सकते हैं। शिवराज सिंह चौहान की इस पहल से उम्मीद है कि आने वाले समय में भारत की खेती पहले से भी ज्यादा समृद्ध और उन्नत होगी।
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