मई और जून में खेती से करें जबरदस्त कमाई
किसान साथियों, कैसे हो आप सब? गर्मी के सीजन में अब बस दो ही महीने बचे हैं – मई और जून। लेकिन अगर आपने इन दो महीनों का सही से इस्तेमाल कर लिया, तो न सिर्फ गर्मियों में बल्कि आने वाले बरसात के सीजन में भी जबरदस्त कमाई कर सकते हैं।
अब सवाल है – ऐसी कौन सी फसलें हैं जिन्हें मई में बोया जाए और जो बारिश में अच्छा मुनाफा दें? टेंशन मत लीजिए, क्योंकि मैं आपको बताऊंगा 10 ऐसी कमाल की फसलें, जिनकी बुवाई अगर आप मई में करते हैं तो ये बारिश के दौरान शानदार आमदनी दे सकती हैं।
करेले की खेती से शुरू करें कमाई का सफर
किसान भाइयों, पहली फसल है – करेला। करेले के बीजों की बुवाई मई के अंतिम सप्ताह में करनी चाहिए। 20 से 30 जून के आसपास खेत में मचान विधि से सेटअप तैयार कर लें। इस विधि से बेलों को ऊपर चढ़ाया जाता है, जिससे रोग कम लगते हैं और उत्पादन लगभग डेढ़ गुना हो जाता है।
बीज के लिए आप VAR की आकाश वैरायटी, Seasonta DGS 106 और Seminis की अभिषेक वैरायटी का चुनाव कर सकते हैं। करेले की फसल का भाव गर्मियों और बारिश दोनों सीजन में अच्छा रहता है।
गिलकी की खेती से मुनाफा पक्का
ठीक उसी तरह जैसे करेला बोया, वैसे ही मई के अंतिम सप्ताह में गिलकी के बीज भी बोएं और मचान विधि अपनाएं। गिलकी के लिए VLR की आलोक वैरायटी और Nirmal Seeds की NSGS 341 बढ़िया रहती है।
मई में भिंडी की बुवाई से जुलाई में तगड़ी आमदनी
भिंडी की बुवाई 15 मई तक करें, जिससे जुलाई की शुरुआत में फसल तैयार हो जाए। पौधों की दूरी 1 फीट और लाइनों के बीच 2-3 फीट रखें। बीज के लिए Advanta Golden Seeds की राधिका वैरायटी या Syngenta की OA 517 बढ़िया विकल्प हैं।
मल्टी लेयर फार्मिंग के लिए अदरक
मई में अदरक की बुवाई करें और इसके साथ मेथी और पपीता की मल्टी लेयर फार्मिंग करें। पहले अदरक, फिर मेथी और अंत में पपीता के पौधों का ट्रांसप्लांट करें। पपीता के पौधों की दूरी 6×8 फीट रखें। जिगजैग तरीके से रोपाई कर सकते हैं।
हल्दी की फसल में भी है दम
जैसे अदरक, वैसे ही हल्दी की बुवाई भी मई में करें। किसान भाई चाहें तो हल्दी के साथ भी मल्टी लेयर फार्मिंग कर सकते हैं जिससे जमीन का पूरा उपयोग हो और कमाई दोगुनी हो।
टिंडा: कम सप्लाई, ज्यादा डिमांड वाली फसल
टिंडा की फसल बारिश के सीजन में अच्छे भाव में बिकती है। डिमांड हमेशा बनी रहती है और सप्लाई कम होती है, इसलिए मई में बुवाई करके बढ़िया आमदनी की जा सकती है।
मूली की दो बार बुवाई दे सकती है दोहरा लाभ
मूली के बीज अगर मई के पहले सप्ताह में बोए जाएं तो जून तक फसल पक जाती है। और अगर अंतिम सप्ताह में बोएं, तो बारिश के सीजन में अच्छा भाव मिलता है। मूली कम समय में फसल देने वाली फसल है।
लौकी की खेती भी है फायदेमंद
किसान भाइयों, आप मई के महीने में लौकी की भी खेती कर सकते हैं। बारिश के मौसम में इसकी मांग काफी ज्यादा होती है और यह अच्छी आमदनी देती है।
मेथी और धनिया: कम रिस्क, ज्यादा फायदा
अदरक और हल्दी की खेती न करने वाले किसान भाई केवल मेथी और धनिया की बुवाई भी कर सकते हैं। मई के अंतिम सप्ताह में बुवाई करें और सिर्फ जर्मिनेशन तक इंतजार करें। अगर अंकुरण हो गया तो अच्छी कमाई होगी, वरना सिर्फ बीज का नुकसान होगा। खाद बाद में डालें जब पौधे थोड़े बड़े हो जाएं।
ढाई एकड़ का मई मॉडल प्लान
अब किसान साथियों, समझते हैं कि ढाई एकड़ ज़मीन में कैसे इन फसलों को लगाया जाए।
ढाई एकड़ खेत को पांच बराबर हिस्सों में बांटें।
पहले हिस्से में करेले और गिलकी की खेती करें।
दूसरे हिस्से में भिंडी के साथ धनिया की इंटरक्रॉपिंग करें।
तीसरे हिस्से में अदरक या हल्दी लगाएं और मल्टी लेयर फार्मिंग करें।
चौथे हिस्से में लौकी या टिंडा लगाएं।
पांचवें हिस्से में मूली, मेथी या धनिया लगाएं। आप इन तीनों को इंटरक्रॉप भी कर सकते हैं।
निष्कर्ष
तो किसान भाई, अगर आप इस मॉडल को अपनाते हैं तो सिर्फ 30 से 35 दिनों में ही आपकी कमाई शुरू हो जाएगी और पूरा बरसात का सीजन आपकी डेली इनकम चालू रहेगी।
Disclaimer: यह जानकारी सामान्य मार्गदर्शन हेतु दी गई है। कृपया बुवाई से पहले अपने स्थानीय कृषि अधिकारी या विशेषज्ञ से सलाह अवश्य लें।
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