बागवानी से सालाना 50 लाख कमाने वाले युवा किसान कपिल यादव की सफलता की कहानी

By Purushottam Bisen

Published on:

बागवानी से सालाना 50 लाख कमाने वाले युवा किसान कपिल यादव की सफलता की कहानी

आज हम आपको राजस्थान के कोटपुतली जिले के बुढ़वा गाँव के एक प्रगतिशील युवा किसान कपिल यादव और उनकी पत्नी गीतिका यादव की प्रेरणादायक कहानी से रूबरू करवाने जा रहे हैं। इन दोनों ने पारंपरिक खेती को छोड़कर आधुनिक बागवानी अपनाई और आज सालाना 50 लाख रुपये से अधिक की कमाई कर रहे हैं। इनकी सफलता की कहानी न केवल युवाओं के लिए प्रेरणा है, बल्कि उन किसानों के लिए भी एक मिसाल है जो खेती से मुनाफा कमाना चाहते हैं।

शिक्षा और खेती की शुरुआत

कपिल यादव ने राजस्थान यूनिवर्सिटी से बीकॉम और एमकॉम (इकोनॉमिक्स) की पढ़ाई की। वे लगभग 8-10 साल तक सरकारी नौकरी की तैयारी करते रहे, लेकिन सफलता नहीं मिली। इसके बाद उन्होंने खेती को अपनाने का फैसला किया। उनका मानना है कि “नौकरी में आपकी कमाई एक सीमा तक ही रहती है, लेकिन खेती में आप जितना मेहनत करेंगे, उतना ही अधिक कमा सकते हैं।

बागवानी का सफर

कपिल और गीतिका ने सबसे पहले 5 बीघा जमीन पर बागवानी शुरू की। उन्होंने अमरूद, मौसमी, संतरा और ड्रैगन फ्रूट की खेती को अपनाया। आज उनका बागवानी व्यवसाय इतना सफल हो चुका है कि वे सालाना 15 लाख रुपये सिर्फ फलों की बिक्री से कमाते हैं। इसके अलावा, वे नर्सरी भी चलाते हैं, जिससे उन्हें 35 लाख रुपये तक की अतिरिक्त आमदनी होती है।

मुख्य फसलें और उत्पादन

  1. अमरूद (हिसार सफेदा वैरायटी) – 100 पौधों से सालाना 5-6 लाख रुपये की आय।

  2. मौसमी (न्यू सेलर वैरायटी) – एक पौधे से 70-80 किलो उत्पादन, बाजार भाव 20-35 रुपये/किलो।

  3. संतरा (मेंडन फोर वैरायटी) – एक पौधे से 1 क्विंटल उत्पादन, बाजार भाव 40-50 रुपये/किलो।

  4. ड्रैगन फ्रूट – इंटरक्रॉपिंग के रूप में लगाया गया, जिससे अतिरिक्त आय होती है।

नर्सरी व्यवसाय: अतिरिक्त आय का स्रोत

कपिल यादव ने “प्लांट केयर नर्सरी” नाम से एक नर्सरी भी शुरू की है, जहाँ वे उच्च गुणवत्ता वाले फलदार पौधे उपलब्ध करवाते हैं। उनकी नर्सरी में निम्नलिखित पौधे मिलते हैं:

  • अमरूद: रेड डायमंड, हिसार सफेदा, थाई किंग

  • मौसमी: न्यू सेलर, काटोल गोल्ड

  • संतरा: मेंडन फोर

  • अन्य फल: चीकू, केला, अंगूर, सीताफल, आम (अल्फांसो, केसर)

इस नर्सरी से उन्हें सालाना 35 लाख रुपये तक की आमदनी होती है।

सफलता के मंत्र

  1. सही वैरायटी का चुनाव: कपिल यादव ने महाराष्ट्र के सीसीआरआई (केंद्रीय कृषि अनुसंधान संस्थान) से प्रशिक्षण लिया और उन्नत किस्मों को अपनाया।

  2. बाजार की समझ: वे अपने फलों को सीधे स्थानीय बाजार में बेचते हैं, जिससे उन्हें अधिक मुनाफा होता है।

  3. इंटरक्रॉपिंग: ड्रैगन फ्रूट को मौसमी के साथ लगाकर अतिरिक्त आय अर्जित की।

  4. जैविक खेती: खरपतवार को काटकर ही खाद के रूप में उपयोग करते हैं, जिससे लागत कम होती है।

निष्कर्ष

कपिल यादव और गीतिका यादव की कहानी साबित करती है कि खेती में भी करोड़पति बना जा सकता है, बशर्ते सही योजना और मेहनत की जाए। उनका मानना है कि “यदि आप बागवानी को व्यवसाय के रूप में अपनाएँ, तो यह नौकरी से कहीं बेहतर है।

Join whatsapp group Join Now
Join Telegram group Join Now

Leave a Comment