टमाटर की खेती कैसे करें : दोस्तों टमाटर की खेती करना बहुत ही फायदेमंद है और टमाटर मानव शरीर के लिए भी अति आवश्यक है और साधारण तौर पर टमाटर का उपयोग रोजाना खाने में उपयोग किया जाता है अक्सर सुनने में आता है की टमाटर की खेती सबसे ज्यादा पाकिस्तान में होती है लेकिन भारत की बात करे तो भारत में आंध्रप्रदेश ,कर्नाटक और उत्तर भारत के राज्यों में टमाटर की सबसे ज्यादा खेती मध्यप्रदेश में की जाती है।
टमाटर की खेती कैसे करें
टमाटर उन खेतियो में आती है जिसका उपयोग प्रत्येक प्रकार की सब्जियों में होता है इसका उपयोग सलाद के रूप में भी किया जाता है इसकी खेती किसी भी मौसम में कर सकते है इसमें कुछ पोषक तत्व होते है जैसे -फास्फोरस , कैल्शियम , प्रोटीन जैसे तत्व पाए जाते है यह मानव शारीर के लिए काफी फायदेमंद होता है एवं इसकी खेती कर उत्पादन को बेचकर अच्छा पैसा कमाया जा सकता है किसानो को टमाटर की खेती करने की पूरी जानकारी होना चाहिए |
खेती का समय :
टमाटर की खेती सर्दियों के लिए जुलाई अगस्त एवं गर्मियों के लिए दिसम्बर और जनुअरी में करना चाहिए
टमाटर की सबसे अच्छी किस्म
1. Seminis (Abhilash Seed)
2. Syngenta (Heem Sohna Seeds)
3. Arka Rakshak Tomoto Seeds
4. Syngenta Sahoo (3251 Seeds)
मिटटी :
टमाटर की खेती काली ,पिली चिकनी दोमट मिटटी में करने से उत्पादन अच्छा प्राप्त होता है |
खेती की तैयारी पलाऊ से गहरी जुताई करके 10 से 15 दिन तेज धुप लगने के लिए छोड़ दे जिससे मिटटी पर वायु संचारण बड जाता है उसके बाद कल्टीवेटर से जुताई कर पाटा लगाना चाहिए |
लगाने की विधि :
टमाटर के पौधे को हम साधारण तरीके से भी लगाते है एवं बैड बनाकर मल्चिंग पेपर व टपक सिचाई करके भी लगाते है | साधार बैड में पौधे लगाने से हमें पानी नियमित मात्रा में नहीं बल्कि अधिक लगता है एवं खरपतवार अधिक होने से हमें उसे निकालने में अधिक खर्चा उठाना पड़ता है |
बैड में माल्चिंग पेपर लगाने से हमें पानी कम मात्रा में लगेगा साथ ही खरपतवार नहीं उगेगे जिससे की पौधे को दिया हुआ खाद पूर्ण तरीके से पौधे को ही प्राप्त होगा एवं उत्पादन में वृधि देखने को मिलेगी बात करें मल्चिंग पेपर की तो मल्चिंग पेपर 25 माईकान का एवं टपक सिचाई के लिए पाइप साइज़ 16 mm लेना चाहिए |
बिना माल्चिंग वाले बैड की तैयारी करने के लिए बैड से बैड की दुरी 2.5 फिर और बैड की चौडाई 1 से 1.5 फिट एवं बैड की उचाई 1 फिट रखना चाहिए बैड से बैड की दुरी बैड के सेण्टर से लिया जाता है |
टपक सिचाई एवं माल्चिंग बैड की तैयारी करने के लिए बैड से बैड की दुरी 2.5 बैड और बैड की चौडाई 2.5 से 3 फिट एवं बैड की उचाई 1 फिट रखना चाहिए इसमें बैड से बैड की दुरी बैदे के अंतिम छोर से अगली बैड के प्रारंभिक छोर के बीच लिया जाता है |
बैड की तैयारी करने के लिए बैड मेकर का उपयोग करते है इसे बैड राईजर के नाम से भी जानते है इसका उपयोग मिटटी को भुरभुरी करने के बाद किया जाता है |
टमाटर की नर्सरी :
टमाटर की नर्सरी तैयार करने के लिए हमें एक हिस्सा वर्मीकम्पोस एवं दो हिस्सा नारियल खाद लेना चाहिए इस मिश्रण में 50 ग्राम कार्बोडाजिम को मिलाना चाहिए ताकि फफूंद का प्रकोप नर्सरी में नहीं आये |
बीज डालने के बाद ऊपर से इस मिश्रण को थोड़ी मात्र में डालना चाहिए, सिचाई आवश्यकता अनुसार सुबह एवं श्याम के समय ही करना चाहिए | 10 से 12 दिन के बाद नर्सरी में फंगस देखने को मिलता है इसकी रोकथाम के लिए कार्बोडाजिम + मेन्कोजेब 12 से 15 ग्राम प्रति टैंक एवं कीट की रोकथाम के लिए हूमिडा क्लोरोफिड 17.8 % 5 ग्राम प्रति टैंक 15 लीटर पानी में मिलाकर स्प्रे कर देना चाहिए यदि पौधे में पीलापन दिखाई दे रहा है तो NPK 19:19:19 को 15 लीटर पानी में मिलकर स्प्रे कर देना चाहिए |
बीज की मात्रा :
एक एकड़ के लिए हाईब्रिड टमाटर का बीज 80 से 100 ग्राम एवं साधारण 150 से 200 ग्राम की दर से लेना चाहिए |
दवा खाद का वैज्ञानिक तरीका :
रोपाई के बाद प्रथम डोंचिंग 2 से 3 दिन के बाद सुमिक एसिड 500 ग्राम कार्बोडाजिम 50 % 500 ग्राम 400 लीटर पानी में घोल बनाकर जड़ो पास ड़ेंचिंग कर देना चाहिए एवं दूसरी ड़ेंचिंग रोपाई के दिन NPK 19 :19 :19 500 ग्राम + Saaf फंगेसाइड 400 ग्राम , 450 लीटर पानी में घोल बनाकर जड़ो के पास देना चाहिए | एवं तीसरी ड़ेंचिंग रोपाई के १४ से 15 दिन के भीतर लिक्विड ट्राईकोडरमा 500 ML का घोल बनाकर जड़ो के पास देना चाहिए |
टमाटर की बंधाई :
साखा वाले पौधे को बंधाई करते है तो निश्चित तौर पर उत्पादन अधिक होता है एवं फंगस आने की उम्मीद कम हो जाती है क्योकि पौधा जमीन पर निचे नहीं आता है येसा करने से निश्चित ही उत्पादन अधिक प्राप्त होगा , बंधाई करने का समय तो जब हमारे पौधे 15 से 20 दिन के हो जाये तब हमें पहली बंधाई कर देना चाहिए एवं 30 से 35 दिन पर दूसरी बंधाई करना चाहिए |
टमाटर में कीट एवं रोग एवं रोकथाम :
टमाटर में प्राय: सफ़ेद माखी , हरी इल्ली , फल भेदक , लीफ माईनर जैसी बीमारी आती है
रोकथाम हेतु – लीफ माईनर के लिए इमामेकटिन बेजोट 5 % sg , ७ से 8 ग्राम , 15 लीटर पानी में मिलाकर स्प्रे कर सकते है सफ़ेद मख्खी के लिए Acitamiprid 20% 8 से 10 ग्राम 15 लीटर पानी से स्प्रे कर देना चाहिए |
थ्रिप्स एफिड जैसिड के लिए इमिडाक्लोप्रीड 17.8% 10 से 12 ML 15 लीटर पानी से स्प्रे कर देना चाहिए
फल छेदक इल्ली के लिए – सेन्थ्थानिलिफ्लोर 15 ml / 15 लीटर पानी बैक्टेरिया बिल्ट , इसके प्रकोप से पौधा उखड़ने लगता है
FAQ : टमाटर की खेती कैसे करें से जुड़े सवाल एवं उनके जवाब :
Q : टमाटर की खेती में कौन सी खाद डालें
Ans : रोपाई के पहले आपको 100 क्विंटल प्रति एकड़ अच्छी सड़ी हूई गोबर खाद, 50 किलोग्राम डीएपी, 50 किलोग्राम अमोनियम सल्फेट, 40 किलोग्राम म्यूरेट ऑफ पोटाश प्रति एकड़ डालना चाहिए |
Q : टमाटर की खेती कब करें
Ans : वैसे तो टमाटर की खेती 3 बार कर सकते है जैसे – मई-जून, सितंबर-अक्टूबर और जनवरी फरवरी में बुवाई की जाती है।
Q : टमाटर की खेती कौन से महीने में करनी चाहिए?
Ans : टमाटर के लिए मई-जून, सितंबर-अक्टूबर और जनवरी फरवरी में बुवाई की जाती है।
Q : टमाटर को बढ़ने में कितने महीने लगते हैं?
Ans : किस्म के आधार पर टमाटर की कटाई में 60 दिन से लेकर 100 दिन से अधिक का समय लग सकता है |
Q : क्या पोटाश टमाटर के लिए अच्छा है?
Ans : जी हा अच्छी उपज और फलों की गुणवत्ता के लिए पोटाश बहुत जरुरी है|
Q : टमाटर की अच्छी पैदावार के लिए क्या करें?
Ans : सबसे पहले टमाटर की अधिक पैदावार के लिए मिट्टी का PH मान 7 से 8.5 के बीच होना चाहिए। और टमाटर के बीज को अंकुरित होने के लिए 20-25 डिग्री का तापमान उपयुक्त ध्यान रखे। टमाटर की खेती के लिए किसी खास भूमि या जलवायु की आवश्यकता नहीं होती है।
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