कैसे हो किसान साथियो? आज हम आपके लिए एक बड़ी और प्रेरणादायक खबर लेकर आए हैं जो हमारे उन किसान भाइयों के लिए खास मायने रखती है, जो अपनी मेहनत से गांव की धरती को हरियाली में बदल रहे हैं। तमिलनाडु के तिरुनेलवेली ज़िले के मारुकालकुर्ची गांव में गुरुवार को आयोजित जनसंपर्क कार्यक्रम में ज़िला कलेक्टर डॉ. आर. सुकुमार ने 171 लाभार्थियों को कुल ₹89.75 लाख की कल्याणकारी सहायता प्रदान की।
कलेक्टर की किसानों से भावनात्मक अपील
किसान भाईयो, इस कार्यक्रम में डॉ. सुकुमार ने ग्रामीणों को संबोधित करते हुए कहा कि ज़िला प्रशासन की प्राथमिकता खेती को मज़बूत बनाना है, क्योंकि यही यहाँ की जीवनरेखा है। तामिराभरानी नदी और उसकी सहायक नदियों के कारण यह ज़मीन खेती के लिए उपजाऊ है।
कलेक्टर ने बताया कि सरकार किसानों के लिए अनेक योजनाएं चला रही है, जैसे बागवानी फसलों के लिए माइक्रो इरिगेशन सिस्टम की सब्सिडी। ऐसे में किसान भाइयों को इन योजनाओं का पूरा लाभ उठाना चाहिए।

डेयरी फार्मिंग से होगी आमदनी में बढ़ोतरी
किसान साथियो, डॉ. सुकुमार ने कहा कि अब केवल खेती तक सीमित रहना पर्याप्त नहीं है। किसान भाइयों को डेयरी फार्मिंग की ओर भी बढ़ना चाहिए, जिससे वो अविन (Aavin) के जरिए दूध बेचकर अच्छा खासा मुनाफा कमा सकें।
उन्होंने बताया कि दूध, अंडे, मुर्गी पालन और बकरी पालन की मांग हमेशा बनी रहती है। इसलिए किसान इस व्यवसाय में भी उतर सकते हैं। अविन और पशुपालन विभाग मिलकर किसानों को दुधारू पशु, बकरियां और पोल्ट्री खरीदने के लिए सहायता देंगे। साथ ही दूध की बिक्री के लिए सहकारी समितियों के माध्यम से समय पर भुगतान भी सुनिश्चित किया जाएगा।
नौजवानों से प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी की अपील
कलेक्टर ने गाँव के युवा साथियों से कहा कि वह अपनी शिक्षा पर ध्यान दें और पुस्तकालयों का उपयोग कर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करें। सरकार उन्हें बेहतर भविष्य की दिशा में बढ़ाने के लिए पूरी मदद देने को तैयार है।
सरकारी योजनाओं की प्रदर्शनी बनी जानकारी का जरिया
इस जनसंपर्क कार्यक्रम के तहत एक विशेष प्रदर्शनी का भी आयोजन किया गया, जिसमें विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं की विस्तृत जानकारी दी गई। इस कार्यक्रम में कुल 151 आवेदन प्राप्त हुए, जिनमें से 56 को मौके पर ही स्वीकृत कर लिया गया, और बाकी 95 आवेदन की जांच जारी है।
इस अवसर पर ज़िला पिछड़ा वर्ग कल्याण अधिकारी जे. राजसेल्वी, बागवानी विभाग के उप निदेशक इलांगो और अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
निष्कर्ष:
तो किसान साथियो, यह समय है जब हमें खेती के साथ-साथ पशुपालन और डेयरी जैसे व्यवसायों की ओर भी ध्यान देना होगा। सरकार की योजनाएं और प्रशासन का सहयोग हमारे साथ है, बस ज़रूरत है एक नए कदम की।
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