आज के इस लेख में हम चर्चा करेंगे गेहूं की फसल में पहले पानी की सिंचाई कब करें और साथ में कौन-सी खाद और कितनी मात्रा में डालें ताकि ज्यादा फुटाव, ज्यादा कले और बेहतर पैदावार प्राप्त हो सके।
गेहूं में पहला पानी कब देना चाहिए?
गेहूं की बुवाई के 20 से 25 दिन बाद पहला पानी देना चाहिए। इस समय पर पानी देने का मुख्य कारण होता है:
क्राउन रूट्स का विकास
गेहूं के पौधों की जड़ों के पास जो नई जड़ें निकलती हैं, उन्हें क्राउन रूट्स कहा जाता है।
ये जड़ें ही आगे चलकर नए कले (टिलर) और शाखाएं निकालने में मदद करती हैं।
अगर क्राउन रूट्स मजबूत बनती हैं, तो फसल में फुटाव और ग्रोथ बहुत अच्छा देखने को मिलता है।
इसलिए पहले पानी की सही समय पर सिंचाई करना अत्यंत जरूरी होता है।
पीलापन हो तो कब दें पहला पानी?
यदि आपकी फसल में पीलापन दिखाई दे रहा है, तो आपको पहले पानी की सिंचाई 15 से 18 दिन के बीच में कर देनी चाहिए। इससे जड़ों को मजबूती मिलती है और फसल की हालत सुधरती है।
पहले पानी के साथ कौन-सी खाद डालें?
अब बात करते हैं कि पहले पानी के साथ कौन-कौन सी खाद और कितनी मात्रा में डालनी चाहिए:
1. डीएपी और यूरिया का संयोजन
यदि बुवाई के समय आपने डीएपी नहीं डाली या बहुत कम मात्रा में डाली है, तो अब आप डाल सकते हैं।
मात्रा:
30 किलो यूरिया + 25 किलो डीएपी प्रति एकड़
यह संयोजन जड़ों की मजबूती और पौधों की ग्रोथ के लिए बेहद लाभकारी है।
डीएपी और जिंक को एक साथ न डालें
कई किसान भाई डीएपी और जिंक को एक साथ डाल देते हैं, जो कि गलत है।
कारण:
डीएपी और जिंक का मिश्रण एक-दूसरे को निष्क्रिय कर देता है।
इससे ना तो डीएपी का असर होता है और ना ही जिंक का।
डीएपी जमीन में जाकर फिक्स हो जाती है और पौधों को पूरा लाभ नहीं मिल पाता।
2. जिंक की मात्रा और महत्व
यदि आपने बुवाई के समय जिंक नहीं डाली है, तो अब डालना चाहिए।
जिंक की भूमिका:
गेहूं में ज्यादा कले निकालने और फुटाव के लिए जिंक अत्यंत आवश्यक है।
मात्रा:
10 किलो जिंक सल्फेट 21% प्रति एकड़
इसे आप पहले पानी के साथ अलग से दें (डीएपी से मिलाकर न दें)।
दीमक की समस्या हो तो क्या करें?
यदि आपकी गेहूं की फसल में दीमक का प्रकोप है, तो सिंचाई के समय यूरिया के साथ कॉन्फिडो (Confidor) मिलाकर दें।
यह उपाय दीमक को पूरी तरह से खत्म करने में मदद करेगा।
ज्यादा फुटाव और पैदावार के लिए जरूरी सुझाव
पहला पानी 20–25 दिन में दें, परंतु यदि पीलापन हो तो 15–18 दिन में ही सिंचाई करें।
डीएपी और यूरिया का सही अनुपात रखें।
डीएपी और जिंक को कभी भी एक साथ न डालें।
फुटाव और कले की अच्छी संख्या के लिए जिंक जरूर दें।
दीमक की रोकथाम के लिए कॉन्फिडो का प्रयोग करें।
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