किसान साथियों क्या आप कीड़ाजड़ी के बारे में जानते है अगर नहीं जानते है तो आज इस आर्टिकल में हम आपको बताएँगे की कीड़ाजड़ी क्या होती है कहाँ इसकी खेती होती है और इसकी खेती आप कैसे कर सकते है तो सबसे पहले जानते है की कीड़ाजड़ी क्या है
क्या है कीड़ाजड़ी
दरअसल यह कीड़ाजड़ी जिसे हम यार्सागुंबा, कार्डीसेप्स, साईंनेसिस के नाम से भी जानते है यह एक प्रकार की फंगस या मशरूम होती है ये औषधीय गुणों से भरपूर होती है यह पहाड़ी छेत्र में अपने आप से उगती है जब बर्फ पिघल जाती है तब वहां के लोग इसे इकठ्ठा कर लेते है और इसे सुखाकर बेच देते है इसकी देशी बाज़ार में किम्मत 2 से 3 लाख रूपए / किलोग्राम तक मिल जाती है लेकिन अगर इसे विदेशो में बेचा जाए तो इसकी किम्मत 10 से 12 लाख रूपए/ किलोग्राम तक होती है अगर आप इसे सुखाकर और इसका चूर्ण बनाकर कर भी बेचते है तो इसकी किम्मत विदेशी बाजारों में लगभग 60 लाख रूपए/ किलोग्राम तक हो सकती है
ये जो कीड़ाजड़ी है भले ही खुद से उगने वाली फसल है लेकिन संरक्षित रूप से आज इसकी खेती करना संभव है आप भी इसकी खेती कर सकते है बस थोडा सिखने की जरुरत है
बाज़ार में कीड़ाजड़ी की डिमांड इतनी ज्यादा क्यों है
दरअसल इसमें प्रोटीन, पेपटाईडस, अमीनो एसिड, विटामिन बी-1, विटामिन बी-2, बी-12 आदि पोषक तत्व होते है यह तत्काल रूप में ताकद देते है चीनी- तिब्बती परम्परागत रूप से इसका इतेमाल चिकित्सा पद्धति में करते है और तो और बड़ी बड़ी बीमारियों में इसका सेवन करते है जैसे फेफड़े की बीमारी, किडनी , कैंसर का इलाज में कीड़ाजड़ी का प्रयोग किए जाता है इसे जीवन रक्षक दवा माना गया है यहाँ तक की इसे हिमालयन वियाग्रा भी कहा जाता है
यह प्राकृतिक रूप से कैसे उगती है
दरअसल यह किसी कीट का कैटरपिलर है यानी एक कीड़ा है जैसे की आपने देखा होगा फुल्ल्गोबी से एक कीड़ा निकलकर आता है हुबहू वैसा ही होता है इस कीड़े पर एक तरह की फंगस लग जाती है और यही फंगस उस कीड़े को वही जमा देती है और इसके अन्दर से पौधा निकल आता है जैसा की मशरूम में होता है
कीड़ाजड़ी का सेवन दूध में मिलाकर, चाय बनाकर , पानी में घोलकर या फिर चूर्ण के रूप में किया जा सकता है अभी तक तो हमारे देश में इसकी खेती नहीं की जाती थी लेकिन उतराखंड की दिव्या रावत जो मशरूम गर्ल के नाम से जानी जाती है वो इसकी खेती करती है और करोड़ो का कारोबार भी करती है यानी ये भारत में कीड़ाजड़ी की खेती करने वाली पहली शख्स है
कैसे करें कीड़ाजड़ी की खेती
इससे पहले संरक्षित वातावरण में कीड़ाजड़ी की खेती किसी ने नहीं की सिर्फ प्राकृतिक रूप से ही यह उगती थी दिव्या इसकी खेती के साथ इसका व्यापर भी करती है और तो और लोगो को ट्रेनिंग भी देती है दिव्या बताती है की कीड़ाजड़ी की 400 से भी ज्यादा प्रजातिया है और जो इसकी मिलिट्री प्रजाति को ही उगाती है इसे तैयार होने में 60 से 70 दिन का समय लगता है इसको लिक्विड स्पान से इसे लगाती है
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