2024 में मूंग की वैज्ञानिक खेती कब और कैसे करे | Mung ki Kheti Kaise Kare

Mung ki Kheti

आज हम आपको इस आर्टिकल में ये बताएँगे की मूंग की खेती किस समय करनी चाहिए ,मूंग की बुआई करने के लिए उचित समय क्या है ,इसकी फसल अवधि क्या है ,किन किन मिट्टियों में इसकी खेती कर सकते है ,इसकी कौन कौन सी उन्नत किस्मे होती है ,मूंग की खेती में हमको खाद और उर्वरक का प्रबंधन कैसे करना चाहिए ,सिंचाई कैसे करनी चाहिए ,इसमें कौन कौन से रोग इसमें लगते है उनका नियंत्रण कैसे करना चाहिए ? इन सभी सवालो के बारे में हम आज आपको इस आर्टिकल में निचे बताएँगे |

मूंग की बुआई का समय क्या है ?

मूंग की खेती आप दो सीजन में कर सकते है पहला खरीफ में और दुसरा जायद में यदि आप खरीफ में इसकी खेती कर रहे है तो आप 1 जुलाई से लेकर 31 जुलाई तक इसकी बुआई कर सकते है और यदि आप जायद में इसकी खेती कर रहे है तो 1 फ़रवरी से 31 मार्च तक इसकी बुआई कर सकते है |

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2024 में मूंग की वैज्ञानिक खेती कब और कैसे करे | Mung ki Kheti Kaise Kare

मूंग की फसल अवधि

इस फसल की अवधि 60 से 80 दिनों की होती है | बात करे इसके लिए तापमान की तो बुआई से लेकर कटाई तक 20 से 35 डीग्री सेल्सियस तापमान की ज़रूरत होती है |

इसकी खेती हम किन किन मिट्टियों में कर सकते है ?

इसकी खेती हम मुख्य रूप से दोमट मिटटी ,बुलेई दोमट मिटटी ,काली मिटटी पिली मिटटी ,हलकी चिकनी मिटटी ,हल्की रेतीली मिटटी में कर सकते है | साथ ही मिटटी में कार्बनिक पदार्थ की मात्रा हो और उस मिटटी का ph मान 5 से 7 के बिच हो और बुआई के 15 दिन पहले आप मिटटी की जुताई कर ले |

बीज की मात्रा

यदि आप जायद सीजन में बुआई कर रहे है तो 1 एकड़ में 20 से 25 किलोग्राम बीज की ज़रूरत होती है और खरीफ में 10 से 15 किलोग्राम प्रति एकड़ |

मूंग की उन्नत किस्मे

market में मूंग की बहुत सारी किस्मे है जैसे कि सम्राट ( PDM 139 मूंग ),IPM 410-3(सिखा मूंग ),विराट मूंग ,विशाल मूंग ,जवाहर मूंग ,MH 421 मूंग आदि |

बुआई की विधियाँ और खाद/उर्वरक

मूंग की बुआई हम छिटकाव विधि ,देसी हल के द्वारा या सीड ड्रिल मशीन द्वारा इसकी बुआई कर सकते है | अब बात करे खाद की तो जब आपकी फसल 20 से 25 दिन की होजाती है तो उस समय आप यूरिया का उपयोग कर सकते है और यूरिया इस्तेमाल 20 से 30 किलोग्राम एक एकड़ में उपयोग कर सकते है और इसी के साथ आपको ह्युमिक एसिड का उपयोग करना है इसके बाद आप स्प्रे कर रहे तो 1919 19 का 600 से 800 ग्राम प्रति एकड़ में छिडकाव करें | जब पौधे फूल देने लगे तब बायो पोटास का उपयोग करे |

सिंचाई

आप मूंग की खेतो में 3 से 4 बार सिंचाई कर सकते क्यूंकि मूंग को ज्यादा पानी की आवश्यकता नहीं होती है लेकिन जब पौधे फूल पर हो तब आपको विशेष ध्यान रखना है की आपके खेत में नमी बनी रहे |

मूंग में रोग और नियंत्रण

मूंग में कई रोग देखने को मिलते है जिसे कि पत्ती धब्बा रोग ,पिला चितकबरा रोग ,अल्तेर्नेरिया पत्ती धब्बा रोग और उकता रोग इसमें होते है और इनके नियंत्रण के लिए आप कॉपर OXYCHLORIDE 50%WP 300 ग्राम की मात्रा और AZOXYSTROBIN 23%SC 180ML और CM 12%+63%WP प्रति एकड़ में उपयोग कर सकते है |

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