मल्टीकट फसल प्रणाली से बढ़ाएं दूध उत्पादन: जानिए पांच बेहतरीन चारे और उनकी खेती का तरीका

By Purushottam Bisen

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मल्टीकट फसल प्रणाली से बढ़ाएं दूध उत्पादन: जानिए पांच बेहतरीन चारे और उनकी खेती का तरीका

आजकल कई किसान यह शिकायत करते हैं कि उनके पशु पहले जैसी मात्रा में दूध नहीं दे रहे हैं। वे अक्सर बीमार और कमजोर रहते हैं। हालांकि किसान उन्हें अच्छा आहार और चारा देते हैं, फिर भी सुधार नजर नहीं आता। डॉक्टर से इलाज कराने के बाद भी समस्याएं बनी रहती हैं। असल में, इसकी सबसे बड़ी वजह है पशुओं का गलत या अपूर्ण आहार। सही आहार न मिलने से पशु धीरे-धीरे कमजोर पड़ जाते हैं और उनकी उत्पादकता कम हो जाती है।

मल्टीकट फसल प्रणाली से मिलेगी चारा और आमदनी दोनों में बढ़ोतरी

पशुपालन में सफलता का रहस्य सही और संतुलित आहार में छिपा है। यदि आप अपने पशुओं के लिए खुद अपने खेत में हरा चारा उगाना शुरू करें, तो न सिर्फ आप उन्हें बेहतर पोषण देंगे, बल्कि अतिरिक्त चारा बेचकर अतिरिक्त कमाई भी कर सकते हैं। मल्टीकट प्रणाली की मदद से आप एक ही खेत में पांच प्रकार के हरे चारे उगा सकते हैं। यह प्रणाली सालभर हरा चारा उपलब्ध कराती है और कम लागत में अधिक मुनाफा दिलाती है।

हरे चारे का महत्व पशुपालन में

हरा चारा पशुओं के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण आहार है। इससे पशुओं को भरपूर पोषण मिलता है, उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और दुग्ध उत्पादन में आश्चर्यजनक वृद्धि होती है। हरे चारे से पशुओं का स्वास्थ्य भी अच्छा बना रहता है। लेकिन हर मौसम में ताजा चारा उपलब्ध कराना एक बड़ी चुनौती होती है। ऐसे में मल्टीकट प्रणाली एक स्थायी समाधान प्रदान करती है, जिससे चारा हर मौसम में उपलब्ध रहता है।

मल्टीकट प्रणाली की प्रमुख विशेषताएं

मल्टीकट प्रणाली अपनाने से पशुपालकों को अनेक लाभ मिलते हैं। इससे पशुओं को सालभर ताजा चारा मिलता है और विभिन्न प्रकार की फसलों से संतुलित पोषण मिलता है। लागत भी कम आती है, क्योंकि इसमें कम उर्वरक, कम पानी और कम मेहनत लगती है। इसके अलावा, मिट्टी की उर्वरकता भी बनी रहती है और अलग-अलग फसलें मौसम की अनिश्चितताओं का सामना कर सकती हैं। सूखा हो या अत्यधिक वर्षा, उत्पादन पर ज्यादा असर नहीं पड़ता।

मल्टीकट फसल प्रणाली से बढ़ाएं दूध उत्पादन: जानिए पांच बेहतरीन चारे और उनकी खेती का तरीका

पांच प्रमुख हरे चारे जो आप एक साथ उगा सकते हैं

सबसे पहले बात करते हैं नेपियर घास की। यह घास तेजी से बढ़ती है और बार-बार कटाई के बाद भी पुनः उगती है। इसमें प्रोटीन की मात्रा अधिक होती है, जिससे दूध उत्पादन में बढ़ोतरी होती है। नेपियर घास को सालभर उगाया जा सकता है।

दूसरा विकल्प है ज्वारा का हरा चारा। यह एक सूखा सहनशील फसल है जो कम पानी में भी अच्छी उपज देती है। इसमें फाइबर और कार्बोहाइड्रेट भरपूर मात्रा में होते हैं, जो गर्मी और मानसून के मौसम के लिए उपयुक्त है।

तीसरे नंबर पर आता है बरसीम। यह सर्दियों का बेहतरीन चारा है, जिसमें उच्च मात्रा में प्रोटीन पाया जाता है। एक बार बोने पर इसकी कई बार कटाई की जा सकती है। बरसीम पशुओं का बहुत पसंदीदा आहार है।

चौथा महत्वपूर्ण चारा है मक्का। मक्का का हरा चारा अत्यधिक ऊर्जा और स्टार्च प्रदान करता है, जिससे दूध में वसा की मात्रा बढ़ती है। यह तेजी से बढ़ता है और गर्मी तथा बरसात के मौसम के लिए उत्तम है।

पांचवें स्थान पर है गिनी घास। यह घास भी बार-बार कटाई के बाद तेजी से बढ़ती है और इसमें प्रोटीन की मात्रा अधिक होती है। इसके अलावा, इसमें सूखा सहन करने की अद्भुत क्षमता भी होती है, जो इसे हर मौसम के लिए आदर्श बनाती है।

मल्टीकट फसल प्रणाली से बढ़ाएं दूध उत्पादन: जानिए पांच बेहतरीन चारे और उनकी खेती का तरीका

मल्टीकट चारा उगाने की प्रक्रिया

खेत की तैयारी के लिए सबसे पहले गहरी जुताई करें और अच्छी मात्रा में जैविक खाद डालें। खेत में उचित सिंचाई व्यवस्था होनी चाहिए ताकि फसलें तेजी से बढ़ सकें। बीजों का चयन करते समय इस बात का ध्यान रखें कि विभिन्न फसलों के लिए सही बीजों का प्रयोग हो। आप एक ही खेत के विभिन्न हिस्सों में इन फसलों को मिश्रित रूप से उगा सकते हैं।

खरपतवार नियंत्रण पर विशेष ध्यान दें और समय-समय पर खेत में जैविक खाद डालते रहें। इससे फसलें स्वस्थ रहेंगी और उत्पादन बेहतर होगा।

चारे की कटाई और भंडारण

चारे की कटाई उचित समय पर करनी चाहिए ताकि पशुओं को अधिकतम पोषक तत्व मिलें। अतिरिक्त चारे को साइलेज या सूखे चारे के रूप में संग्रहित किया जा सकता है। इससे आपको पूरे साल पशुओं के लिए चारा उपलब्ध रहेगा और आप खरीदारी पर होने वाले खर्च से भी बचेंगे।

स्वस्थ पशु, बढ़ी हुई आमदनी

अगर आप इन पांच प्रकार के हरे चारे को अपनाते हैं और अपने पशुओं को नियमित रूप से खिलाते हैं, तो आपके पशु स्वस्थ रहेंगे, दुग्ध उत्पादन बढ़ेगा और पशुपालन से आपकी आमदनी में भी जबरदस्त इजाफा होगा। याद रखिए, जैसे हम अपने भोजन का ध्यान रखते हैं, वैसे ही हमारे पशुओं को भी स्वस्थ और पौष्टिक आहार की जरूरत होती है।

इसलिए सही आहार, सही देखभाल और सही प्रबंधन से आप पशुपालन को एक सफल व्यवसाय बना सकते हैं।

निष्कर्ष

पशुपालन से अच्छी आमदनी पाने का मूल मंत्र है — सही चारा, सही समय पर चारा, और पशुओं का समुचित देखभाल। मल्टीकट फसल प्रणाली को अपनाकर आप न केवल अपने पशुओं को उत्तम आहार दे सकते हैं, बल्कि अतिरिक्त चारा बेचकर अच्छी कमाई भी कर सकते हैं। तो देर किस बात की, आज से ही मल्टीकट चारा उगाने की शुरुआत करें और अपने पशुपालन को एक नयी ऊंचाई पर ले जाएं।

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