दोस्तों भारत में अमूमन किसान हर तरह की फसल लगाते है और अच्छा मुनाफा भी कमाते है लेकिन कुछ एसी फसल होती है जिन्हें किसान इन खेती को करने डरते है वैसे आम तौर पर किसान गेंहु ,धान ,मक्का ,सोयाबीन ,सरसो जैसे कॉमन खेती करते है जो हमेशा से चलती आ रही है लेकिन कुछ किसान इन खेती को करके परेसान हो जाते है उनको लगता है कोई नयी खेती करना चाहिए जिसमे अच्छा मुनाफा हो और डिमांड भी हो जी हा दोस्तों बिलकुल आप चिंता ना क्योकि हम आपके लिए एक बेहतरीन खेती लेकर आये है
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दोस्तों हम बात कर रहे अफीम की खेती जी हा दोस्तों आप आसानी से अफीम की खेती कर सकते है आपको इसके कुछ नियम एवं सर्तो को फॉलो करना होता है आपको ज्यादा सोचने की जरुरत नहीं है क्योकि हमने आपको अफीम की खेती कैसे करते है स्टेप by स्टेप बताया है
दोस्तों अफीम एक एसी फसल है जिसकी खेती भारत का हर किशान करना कहेगा क्योकि इस फसल में मुनाफा बहुत होता है आम फसलो की खेती की तरह इसकी खेती इतनी आसान नहीं है इसके लिए सरकार से लाइसेंस लेना जरुरी होता है और इसके लिए बहुत सारी सरकारी प्रक्रिया होती है इसकी खेती बिना इजाजत के करना गैर क़ानूनी है
वैसे आपको बता दे अफीम की खेती बहुत अलग तरीके से की जाती है दोस्तों आज इस आर्टिकल में बताएँगे की अफीम की खेती कैसे की जाती है
दोस्तों अफीम की खेती जानने से पहले ये जानते है की आखिर अफीम है क्या
अफीम क्या है
ज्यादातर लोग अफीम को एक नसीला पदार्थ समझते है लोगो को लगता है अफीम नशा करने के काम आती है लोग इसे हेरोइन का सोर्स भी समझते है लेकिन हमारे देश में अफीम का इस्तेमाल valid drug बिजनेस के लिए किया जाता है अफीम को वैसे काला सोना भी कहा जाता है
अफीम का पौधा
अफीम का पौधा लगभग 1 मीटर की उचाई का होता है इस पौधे में सफ़ेद रंग के फूल खिलते है अफीम के फूल झड़ने के बाद ही अफीम के फल आते है ये फल दिखने में अनार के जैसे दीखते है इसके फल को आम बोल चल में डोडा और इसके छिलके को पोस्त कहा जाता है
अफीम की खेती कैसे करें
आईये जानते है अफीम किखेती कैसे की जाती जय क्या तरीके हो सकते है स्टेप by स्टेप समझने की कोशिश करते है सबसे पहले समझते है अफीम के लिए कौनसा मौसम सही होता है
अफीम के लिए मौसम
अफीम की खेती सर्दी के मौसम में की जाती है इसकी खेती के लिए ठंडी जलवायु की जरुरत होती है इसके बीजों की बुवाई सितम्बर के आखिरी में या फिर ओक्टुबर के शुरु में की जाती है
उगाने का तरीका
अफीम को उगाने के लिए सबसे पहले खेत को बहुत अच्छे से जोतना पड़ता है अफीम की खेती के लिए खेत की जुताई गहरी की जाती है और खेत को 2 से 3 बार जोतना पड़ता है जुताई के बाद खेत में पानी डालकर छोड़ दिया जाता है उसके बाद खेती में खाद डाली जाती है खेत तैयार होने के बाद इसमें बीज डाले जाते है
हार्वेस्टिंग
खेत में बीज डालने के लगभग 95 से 115 दिन बाद पौधों पर फूल आना शुरु हो जाते है फूल आने के कुछ समय बाद ये झाड़ना भी शुरु हो जाते है इन्ही पौधों पर 15 से 20 दिनों बाद छोटी छोटी बाल निकलना शुरु हो जाती है जिन्हें हम डोडे कहते है यह डोडे पाक जाने के बाद एक स्पेशल औजार से या फिर ब्लेड से चीरा यानी की कट लगाया जाता है ये चीरा फरवरी के पहले हफ्ते से लेकर मार्च के पहले हफ्ते तक लगाया जाता है ये चीरा दोपहर के 12 बजे से लेकर श्याम के 4 बजे तक लगाया जाता है
डोडे पर चीरा लगाने के बाद इन डोडे पर एक लिक्विड निकलने लगता है इसे latex कहा जाता है इस लिक्विड को पूरी रात निकलने के लिए छोड़ दिया जाता है सुबह तक हर डोडे में लगभग 1 से 1.5 ग्राम तक लिक्विड जमा हो जाता है और जब ये जैम जाता है तो सुबह किसान 5 से 6 बजे ही खेत पर चले जाते है और उस लिक्विड को जमा करते है और यही अफीम होती है
लाइसेंस
अफीम की खेती करने का लाइसेंस फाइनेंस मिनिस्टर यानी वित् मंत्री द्वारा दिया जाता है जो किसान पहले से अफीम की खेती कर रहे है या फिर उनके पास अफीम की खेती करने के लाइसेंस है उसे वापिस से रेनुव करके किया जाता है
कमाई और खर्चा
अफीम की खेती करने के लिए लगभग 1 हेक्टेयर जमीन में 7 से 8 kg बीज की जरुरत होती है अफीम का 1 kg बीज करीब 150 से 200 रूपए में आ जाता है इसके अलावा 1 हेक्टेयर के खेत में लगभग 50 से 60 kg latex मिल जाता है इस latex को सरकार लगभग 1800 रूपए पर ग्राम के हिसाब से खरीद लेती है वही अगर इसे काला बाजारी में बेचा जाये तो 60 हज़ार से 1 लाख रूपए कमाई हो जाती है
इसके अलावा अफीम के डोडो को तोड़ने पर उसके अन्दर एक बीज जैसा पदार्थ निकलता है जिसे हम खसखस कहते है ये खसखस बहुत काम आता है रशोई के मसालों में भी इसका इस्तेमाल किया जाता है ये खसखस बाज़ार में 1.5 लाख रूपए कुंटल से बिक जाती है इसी कारण किसानो में अफीम की खेती से भरी मुनाफा होता है
disclaimer : दोस्तों हमारा उद्देश्य केवल आप लोगो को जानकारी देना है ना की इस बारे में कोई गलत जानकारी देना क्योकि यह एक sensitive टॉपिक है आप इसकी खेती बिना permission और authorise के नहीं कर सकते है इसके लिए आपको लाइसेंस लेने की अति आवश्यकता होगी सभी नियम और शर्तो पर विचार करें
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